Wednesday, April 21, 2010

ब्‍लागवाणी चिटठाजगत से अनुरोघ नहीं अब उन्‍हें हुक्‍म देने का समय आ गया है

बहुत समय से देख रहे हैं यह अग्रीगेटर अपनी जेब शिकायतों से  भरने में लगे हुये हैं. सबसे सम्‍मानित आदरणीय ब्‍लागर जी.के. अवधिया जी की भी नहीं सुनते उनको यह दो शब्‍द जवाब में नहीं बतासके कि ब्लोगवाणी के द्वारा दुर्भाव का जहर उगलने वाले ब्लोग्स की सदस्यता बनाये रखने का क्या औचित्य है. हमारे मशाल भाई दूसरे ब्‍लागर भाई बार-बार आवाज उठा चुके हैं, इस मामले में हम शहजादी फिरदौस पर हम जितना फखर करें कम है उसने तो इस आन्‍दोलन में जान डाल दी अब इन अग्रीगे्टर की खेर नहीं खास तौर से ब्‍लागवाणी की इसके विरूद्ध फिरदौस की बात को आगे बढाते हुये काव्य मंजूषा की और से ठोस पहल की गयी है वह सीधे इसी(ब्‍लागवाणी) के बहिष्‍कार को कहती हैं, ठीक कहती हैं यही मेरे शब्‍द समझे जायें

उनके शब्‍दों में :
"या तो ब्लॉग वाणी इनपर कार्यवाही करे नहीं तो ब्लॉग वाणी का ही बहिष्कार होना चाहिए....आखिर क्या वजह है कि ब्लॉग वाणी इन ब्लॉग पर प्रतिबन्ध नहीं लगा रही है....क्या तकनीकि तौर पर वो कुछ नहीं कर पा रहे हैं या फिर उनको इससे आर्थिक नुक्सान पहुँच रहा है या फिर वो करना ही नहीं चाहते हैं....
हम कारण जानना चाहते हैं...."

मित्रो अब यह समय अनुरोध का नहीं आदेश या बहिष्‍कार का है.
तुम मुझे सहयोग दो मैं तुम्‍हारी स्‍वच्‍छ इच्‍छाओं का सम्‍मान करूंगा.

26 comments:

Unknown said...

अरे कमेंटस पब्लिश क्‍यों नहीं हो रहा है

Unknown said...

यह हुइ न बात, सब मिन मिन मिन कर रहे थे तुमने दममारों बात की बहिष्‍कार ही करेंगे आदेश या अनुरोध सब बेकार

Unknown said...

यह हुइ न बात, सब मिन मिन मिन कर रहे थे तुमने दममारों बात की बहिष्‍कार ही करेंगे आदेश या अनुरोध सब बेकार

Raj kungnani said...

sorry आदेश लिख रहा था अनुरोध लिख दिया

Raj kungnani said...

ब्लॉगवाणी या चिटठाजगत तक अनुरोध कैसे जायेगा वह आँख,नाक,कान बंद करके बैठे हैं

Film ka Shoqeen said...

समय की बरबादी है कोई सुनने वाला नहीं संकलकों की दुकानदारी ही इसी तरह चलती है

फ़िरदौस ख़ान said...

हमने भी यही कहा था...
किसी बात पर मतभेद हो सकते हैं... लेकिन इसका यह मतलब तो नहीं होना चाहिए कि 'लोग' नीचता पर ही उतर आएं...
बेहूदा कमेन्ट करें...
कमेन्ट प्रकाशित न करने पर असभ्य भाषा में लेख लिखें...भद्दे कमेंट्स करें... जिसे निशाना बना रहे हैं... उसी के नाम पर फ़र्ज़ी आईडी बनाकर अपने ही ब्लॉग पर उसके नाम से वाहियात कमेंट्स लिखें... यह तो बहुत ही 'नीचता' का काम है... ऐसे काम करने वालों और उनका समर्थन करने वालों का बहिष्कार किया जाना चाहिए...
हमारा नाम भी शामिल करिएगा...
अब पानी सर से ऊपर हो चुका है...

Ravish Tiwari (रविश तिवारी ) said...

जी बिलकुल सही, बहुत से ऐसे लोग हैं तो खुद को धर्म का सबसे बड़ा जानकार समझते हैं| उन्हें लगता है के किसी की बेईजत्ति करना उनका हक है.

हम सभी जानते हैं ऐसे bloggers को, पर आपकी बात सच है ये ब्लॉग अग्रीगाटर पैसे बनाने में लगे हुए हैं.
सब जान कर भी आँख बंद की हुयी है.
अब तो आदेश है, अनुरोध नहीं.
नहीं तो हम सभी को इन agreegators का बहिस्कार करना ही पड़ेगा

सावरकर said...

धन्‍यवाद फ़िरदौस ख़ान, ब्‍लॉगवाणी और चिटठाजगत संचालकों क्‍या तुम्‍हें हमारी बहन की यह बातें दिखायी सुनायी नहीं दे रही हैं?

फ़िरदौस ख़ान said...
हमने भी यही कहा था...
किसी बात पर मतभेद हो सकते हैं... लेकिन इसका यह मतलब तो नहीं होना चाहिए कि 'लोग' नीचता पर ही उतर आएं...
बेहूदा कमेन्ट करें...
कमेन्ट प्रकाशित न करने पर असभ्य भाषा में लेख लिखें...भद्दे कमेंट्स करें... जिसे निशाना बना रहे हैं... उसी के नाम पर फ़र्ज़ी आईडी बनाकर अपने ही ब्लॉग पर उसके नाम से वाहियात कमेंट्स लिखें... यह तो बहुत ही 'नीचता' का काम है... ऐसे काम करने वालों और उनका समर्थन करने वालों का बहिष्कार किया जाना चाहिए...
हमारा नाम भी शामिल करिएगा...
अब पानी सर से ऊपर हो चुका है...
April 21, 2010 4:35 AM

फ़िरदौस ख़ान said...

हम मज़हब की नहीं इंसानियत की बात करते हैं...
यह भारत की गौरवशाली परंपरा का ही हिस्सा है, जब किसी अल्पसंख्यक पर कोई मुसीबत आती है तो बहुसंख्यक वर्ग के लोग ही सबसे पहले मदद के लिए आते हैं...जबकि मज़हब का ढोल पीटने वाले आग लगाकर दूर से तमाशा देखते हैं...

एक लड़की (जिसे बहन कहते हैं) के ख़िलाफ़ इतनी घृणित साज़िश करके ये 'लोग' इस्लाम का सर ऊंचा कर रहे हैं या नीचा...???

Unknown said...

"…यह अग्रीगेटर अपनी जेब भरने में लगे हुये हैं…" - असहमत
पोस्ट के बाकी मुद्दों पर आंशिक सहमति है मेरी। प्रतिबन्ध लगाने से कुछ नहीं होगा… सामाजिक बहिष्कार अधिक उचित है… यानी इस "गैंग" में शामिल सभी गुर्गों के ब्लॉग पर न जायें, न कोई टिप्पणी करें, न कोई टिप्पणी लें और पुरानी टिप्पणियाँ भी हों तो उसे डिलीट करें। बिन पानी की मछली की तरह खुद ही मर जायेंगे…

आप में से कितने लोगों ने "भड़ास" ब्लॉग पढ़ा है? वहाँ की भाषा तो इस गैंग से भी अधिक बुरी थी और उस पर भी काफ़ी लोगों के विरोध के बाद प्रतिबन्ध लगा था। उस पर भी ब्लॉगवाणी ने तो प्रतिबन्ध लगा दिया, लेकिन चिठ्ठाजगत ने फ़िर भी नहीं लगाया…

सावरकर said...

सुरेश जी की असहमति के कारण हमें याद आया कि हम एक दो शब्‍द भूल गये थे , पाठकों से क्षमा चाहते हैं

सावरकर said...

रविश तिवारी
अब तो आदेश है, अनुरोध नहीं.
धन्‍यवाद

vikram said...

हम एक हजार. वह चार. आश्‍चर्य की बात फिर भी हमने भागने का रास्‍ता चुना. उनको एग्रीगेटर से भगाना खुद हमारा भागना नहीं तो फिर क्‍या है?

vikram said...

हम एक हजार. वह चार. आश्‍चर्य की बात फिर भी हमने भागने का रास्‍ता चुना. उनको एग्रीगेटर से भगाना खुद हमारा भागना नहीं तो फिर क्‍या है?

vikram said...

हम एक हजार. वह चार. आश्‍चर्य की बात फिर भी हमने भागने का रास्‍ता चुना. उनको एग्रीगेटर से भगाना खुद हमारा भागना नहीं तो फिर क्‍या है?

DR. ANWER JAMAL said...

भाई साहब ! आप मुझे धमकी देने मेरे ब्लॉग पर क्यूँ पधारे ? क्यूँ सब से पहले ब्लॉग वाणी आपकी मेम्बरशिप निरस्त करे ?

सावरकर said...

मलेछ डाक्‍टर यह सब प्रयत्‍न तेरे लिये है अब दो चार दिन और शेरो शायरी करले फिर अपने डाक्‍टरी के धन्‍धे को संभाल लियो

सावरकर said...

@विक्रम बेटा यह बात हजार और चार की नहीं, असमाजिक तत्‍व के विरूद्ध मिला जुला प्रयत्‍न है, मूर्ख न बनो हमारी शक्ति बनो हमारी कमजोरी मत बनो, अबकी बार चारों तरफ से आवाज उठी है इस बार हमें निराशा हा‍थ लगी तो फिर भविष्‍य में कोई आवाज नहीं उठायेगा

सावरकर said...

@विक्रम बेटा यह बात हजार और चार की नहीं, असमाजिक तत्‍व के विरूद्ध मिला जुला प्रयत्‍न है, मूर्ख न बनो हमारी शक्ति बनो हमारी कमजोरी मत बनो, अबकी बार चारों तरफ से आवाज उठी है इस बार हमें निराशा हा‍थ लगी तो फिर भविष्‍य में कोई आवाज नहीं उठायेगा

vikram said...

हम 20 हजार. वह चार. आश्‍चर्य की बात फिर भी हमने भागने का रास्‍ता चुना. उनको एग्रीगेटर से भगाना खुद हमारा भागना नहीं तो फिर क्‍या है?

muk said...

क्षमा करें आप बडे हैं आपका नाम भी बडा है परन्‍तु किसी ब्‍लागर के लिये शब्‍द असामाजिक तत्‍व प्रयोग करना अन्‍याय है, दूसरी बात तर्क वितर्क करने वालों को हम ऐसे निकालते रहेंगे तो फिर ब्‍लागिंग का अर्थ क्‍या रह जायेगा यह एक सिलसिला है जो फिर कभी खतम न होगा, सोचिये

muk said...

मैं आपके उत्‍तर की प्रतीक्षा करूंगा, बिना सोचे समझे उत्‍तर देने से न देना भला

Anonymous said...

सभी के लिये कह रहा हूँ कि मात्र आपसे भिन्न मत रखने के कारण कोई असामाजिक, गद्दार व असभ्य नहीं हो जाता... ब्लॉगिंग दुतरफा संवाद है... हर मसले के दो पहलू होते हैं... अगर आप एक पहलू दिखाते हो तो दूसरे को भी हक है दूसरा पहलू दिखाने का... संकलकों से कुछ खास ब्लॉगरों को बाहर करवाने का जो प्रयास किया जा रहा है... उस पर इतना ही कहूँगा कि जिस दिन भी कोई संकलक ऐसा करने का निर्णय ले... उसी दिन मेरा ब्लॉग भी बाहर कर दे... एक पक्षीय संकलकों का कोई भविष्य नहीं है नई दुनिया में...प्रवीण शाह

नौटंकी said...

हमने एक घण्‍टे चिटठा राम पुत्र ब्‍लाग राम से बात की परन्‍तु वह हमारी मीठी मीठी आवाज का रस पीता रहा, नतीजे में थमा दिया लोली पाप वैसे वादे कर लिये जिनमें हमारी सरकार तक विफल है, वह भी खुश हम भी खुश

सावरकर said...

मलेछ हमें माइनस वोटिंग करके हमारी आवाज दबा रहे हैं, अपने ही भाई मूर्ख बने हैं तो हम क्‍या कर सकते हैं